शहीद वीरनारायण सिंह सम्मान से सम्मानित हुए नारायण मरकाम

रायपुर : आदिवासी एवं पिछड़ा वर्ग का उत्थान आदिम जाति कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन, ने तिरुमाल नारायण मरकाम जी आदिवासी समाज के लोगों में जनजागृति लाने आदिवासी समाज के गरीब बच्चों को निःशुल्क कोचिंग, जरूरतमंद व्यक्तियों को निःशुल्क ईलाज तथा समाज के लोगों को आत्मनिर्भर करने की भावना के लिए "शहीद वीरनारायण सिंह सम्मान से सादर विभूषित करता है।
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनसुईया उइके ने राज्य स्थापना दिवस 1 नवंबर, 2022 के अवसर पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान पर आयोजित राज्य अलंकरण एवं राज्योत्सव के समापन समारोह पर छत्तीसगढ़ की विभिन्न विभूतियों को उनकी उपलब्धियों एवं राज्य के विकास में योगदान देने के लिये राज्य अलंकरण सम्मानों से सम्मानित किया गया।

केशकाल के इतिहास में पहली बार

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित राज्योत्सव के अलंकरण समारोह में केशकाल के इतिहास में पहली बार 'शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान' हेतु ग्राम अड़ेंगा (डोहलापारा) के प्रतिष्ठित सियान हासपेन बुधसन मरकाम के सुपुत्र तिरु. नारायण सिंह मरकाम को चयनित किया गया। यह समूचे केशकाल क्षेत्रवासियों के लिए अत्यंत गौरव की बात है।
तिरु. नारायण मरकाम वर्तमान में आप सामुदायिक संगठन केबीकेएस (कोया बुमकाल क्रांति सेना) के संयोजक है जो राज्य भर में आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, खेल गतिविधियों पर्यावरण संरक्षण, संवैधानिक अधिकार आदि के लिए कार्य कर रही है। वनाधिकार मान्यता कानून व PESA कानून को जमीनी स्तर पर लागू
करने के लिए सहयोग संस्था, केबीकेएस लिंगल एंड विंग की विशेष भूमिका रही है श्री मरकाम नवोदित समाज सेवी संस्था [NSSS], के अध्यक्ष है जो अभी सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के लिए बस्तर संभाग के चार जिले दंतेवाड़ा, कोंडागांव, सुकमा, बीजापुर जिले में सरकार के साथ कार्य कर रही है।
केबीकेएस के अनुषंगी संगठन गोटुल स्पोर्ट्स एकेडमी के माध्यम से विभिन्न खेल प्रतिभाओं को प्रशिक्षण
प्रदान किया जा रहा है। आदिवासी बच्चों को पर्वतारोहण अभियान में इंडियन माऊटेनिगं फेडरेशन के साथ एवरेस्ट फतह अभियान के लिए सतत् प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है इसके तहत अभी हाल में ही तीन लड़कियों ने इंद्रासन, कून पर्वत फतह करने में सफलता हासिल की है। केबीकेएस के अनुषंगी कोया ब्लड बैंक द्वारा राज्य के अलग अलग जगहों पर रक्तदान शिविर आयोजित कर जरूरत मंदो को रक्तदान किया जा रहा है। केबीकेएस के वर्तमान में 10000 से अधिक प्रशिक्षित वालेंटियर्स है जो तन्मयता से कार्य कर रहे हैं प्राचीन संस्कृति संवर्धन के लिए केबीकेएस का कोया पुनेम विंग है जो पुरातन एजुकेशन सिस्टम "गोटुल" को पुनर्जीवित करने, गोंडी जैसे भाषाओं को प्रसारित करने आदि के दिशा में कार्य कर रही है। श्री मरकाम जी रेड क्रॉस सोसाइटी, NCC आदि से जुड़े रहने से मानव सेवा के कार्यों के प्रति छात्र जीवन से ही प्रेरित रहे हैं। केबीकेएस के अनुषंगी विंग केबीकेएस डिस्कवरी टीम आदिम कालीन भित्ति चित्रों, लुप्तप्राय जीव जन्तुओं के खोज व संरक्षण भी कर रहे हैं।
अनुषंगी पर्यावरण मित्र सेना पर्यावरण संरक्षण के लिए सतत कार्य कर रही है।