ग्राम कावापाल, जगदलपुर के ग्रामीण कर रहे हैं, कूप कटाई का विरोध, ग्राम सभा का आरोप परामर्श के बिना कूप कटाई गैरकानूनी
ग्राम कावापाल के ग्रामवासियों के द्वारा वन विभाग के द्वारा किए जा रहे कूप कटाई का विरोध किया जा रहा हैं, ग्रामीणों ने दिनांक 27.12.23 को सीसीएफ बस्तर और DFO के नाम ज्ञापन भी सौंपा हैं, ग्रामीणों ने आवेदन के माध्यम से कहा हैं कि, गांव के पारम्पारिक सीमा के भीतर वन विभाग के द्वारा जबरन कूप कटाई किया जा रहा है जिसके लिए ग्राम सभा के साथ परामर्श या अनुमति नही लिया गया। हमारे कई बार अनुरोध करने के बाद भी कूप कटाई को रोका नही जा रहा है। इसलिए ग्राम सभा कावापाल निम्नलिखित कारणों को दर्शाते हुए कूप कटाई को तत्काल रोकने का अपील करता है:-
1. ग्राम सभा कावापाल में वन अधिकार कानून 2006 के तहत CFR कि प्रक्रिया चल रही है जिसके लिए ग्राम सभा ने FRA के धारा 5 के तहत वन के सरंक्षण, सवंर्धन और प्रबंधन के लिए ग्राम सभा प्रस्ताव पास कर चूकी है। जिसे वन विभाग के द्वारा अमल नहीं किया जा रहा है और गांव के बिना सहमती से कूप कटाई किया जा रहा है जो कि गैर कानूनी है।
2. विगत वर्षों में किये गये कूप कटाई सम्बधित जानकारी और लाभांश का विवरण वन विभाग अब तक ग्राम सभा के समक्ष प्रस्तुत नही कि है न ही JFMC में आने वाले राशियों के आयव्यय सम्बंधित जानकारी प्रस्तुत नही कि है।
3. पेशा कानून 1996, नियम 2022 (32 और 33) के तहत वन के संरक्षण, सवंर्धन और प्रबंधन कि जिम्मेदारी ग्राम सभा को प्राप्त है। लेकिन कूप कटाई के पूर्व वन विभाग RPMC एवं ग्राम सभा के साथ इस विषय पर अब तक कोई चर्चा नहीं की है और न ही कोई लिखित प्रस्ताव ग्राम सभा को भेजा है।
4. कूप कटाई होने से लगातार जंगल के अंदर में पारिस्थितिक तंत्र एवं जैव विविधता अव्यवस्थित नजर आ रही है कूप कटाई के बाद जंगल मे लेंटाना तेज गती से फैल रही है, जिससे नये पौधा को बढ़ने में बाधा हो रही है।